पत्रकारों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट की वेबसाइट पर जाइये तो वहां लिखा मिलेगा “जहां पत्रकार भ्रष्टाचार, डर और गरीबी में रह रहे हैं, वहां प्रेस की आज़ादी मुमकिन नहीं”। इस बात के मायने काफी बड़े हैं, खासतौर से आज के माहौल में। आज पूरी दुनिया में पत्रकार डराए धमकाए जा रहे हैं। मंदी के कारण नौकरियों पर तलवार लटक रही है। मैनेजमेंट उन्हें हटाने की धमकी दे रहा है। बेतुकी शर्तों को मानने पर मजबूर कर रहा है। तो कहीं आतंकी हमलों में उनकी जान जा रही है। कुछ जगहों पर सरकारी गुंडे उनका क़त्ल कर रहे हैं। भ्रष्टाचार, डर और गरीबी तीनों अपने चरम पर है।
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