Monday, July 27, 2009

करगिल उत्सव ख़त्म, नहीं हुई गंभीर बात

बीते एक सप्ताह में टेलीविजन चैनलों ने एक ख़ौफ़नाक युद्ध को उत्सव बना दिया। और एक अजीब से राष्ट्रप्रेम में करगिल की तथाकथित जीत का ये उत्सव मनाया गया। एक चैनल ने कहा “ज़रा याद करो कुर्बानी” ... दूसरे चैनल से आवाज़ आई... “जां तक लुटा जाएंगे”... तीसरे ने कहा... अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों। जोर-शोर से विजय दिवस मनाया गया और उन शहीदों को याद किया गया। उन शहीदों को मेरी तरफ से भी श्रद्धांजलि। लेकिन ये पूरा उत्सव ख़त्म हो गया, विजय दशमी मना ली गई। और इक्का दुक्का उदाहरणों को छोड़ कर कहीं कोई गंभीर बात नहीं हुई।

करगिल सैनिकों के लिए जीत थी। लेकिन वो युद्ध हुआ तो भारत की नाकामी की वजह से। हमारी सीमा में पाकिस्तानी सैनिक घुस आए और बंकर बना लिये। हमारे पास खुफिया ... READ MORE