Monday, August 3, 2009

"40 हज़ार कोड़े सह सकती हूं, अपमान नहीं"

"मैं इस मामले को ऊपरी अदालत तक ले जाऊंगी। अगर जरूरत पड़ी तो संविधान पीठ तक। अगर वहां भी मुझे गुनहगार ठहराया गया तो मैं चालीस कोड़े खाने को तैयार हूं। सिर्फ चालीस क्यों, मैं चालीस हज़ार कोड़े खाने को तैयार हूं। अगर सभी महिलाएं सिर्फ पहनावे को लेकर कोड़े खाने की हक़दार हैं तो मुझ पर भी चालीस हज़ार कोड़े बरसाए जाएं।"

ये कहना है सूडान की पत्रकार लुबना अहमद अल हुसैन का। लुबना समेत तीन महिलाएं पैंट पहनने के कारण अभद्र व्यवहार की आरोपी हैं। लुबना के मुताबिक उन्हें कोड़े बर्दाश्त हैं लेकिन अपमान बर्दाश्त नहीं। वो इसे नारी जाति का अपमान मानती हैं। मानवता का अपमान मानती हैं। लुबना चाहती तो इस मुकदमे से बच सकती थीं। संयुक्त राष्ट्र की कर्मचारी होने के नाते ..... READ MORE