Wednesday, October 7, 2009

एस्सार ग्रुप को ग्लोबल ब्रांड बनाएंगे शिवनाथ ठुकराल

शिवनाथ ठुकराल को लेकर चल रहा सस्पेंस ख़त्म हो गया। एनडीटीवी से अलग होने के अब उन्होंने एस्सार ग्रुप से रिश्ता जोड़ लिया है। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया सेक्टर को अलविदा कह दिया। शिवनाथ ठुकराल ने एस्सार ग्रुप में कॉरपोरेट ब्रांडिंग और स्ट्रेटेजिक इनिसिएटिव के ग्रुप प्रेसिडेंट का पद भार संभाला है। अपने करीबी दोस्तों के भेजे गए ई-मेल में शिवनाथ ठुकराल ने इसकी पुष्टि कर दी है।

उधर एक्सचेंज फॉर मीडिया पर छपी ख़बर के मुताबिक एस्सार ग्रुप के चेयरमैन शशि रुइया ने कहा है कि "भारतीय बिजनेस, वित्तीय बाज़ार और आर्थिक मामलों में शिवनाथ के पास अच्छा अनुभव है। दुनिया के बड़े अर्थशास्त्रियों और सीईओ से उनके संपर्क हैं। एस्सार ग्रुप की ब्रांडिंग को बेहतर बनाने और कंपनी को एक ग्लोबल ब्रांड के तौर पर विकसित करने में उनके अनुभव से.... READ MORE

Tuesday, October 6, 2009

"दैनिक भास्कर पर दया कीजिए"

दैनिक भास्कर की ग़लती पर पाठकों ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीते 24 घंटों में 500 से अधिक लोग इसे पढ़ चुके हैं। पढ़ने वालों की संख्या की तुलना में प्रतिक्रियाएं कम आयी हैं लेकिन जो भी आयी हैं उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह सही है कि पोर्न पढ़ने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा होती है। यह भी सही है कि अश्लील साहित्य के पाठक भी बहुत हैं। लेकिन समाचार पत्रों को ही अश्लील बना दिया जाए और आधी आबादी को उपभोग की वस्तु यह कहीं से भी सही नहीं है। इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए। बहुत से पाठकों ने हमें फोन करके यह भी कहा कि अगर कोई गाली तो क्या आप भी उसे गाली दीजिएगा। उन्हें एतराज हमारे शीर्षक पर था। “लौंडागीरी” शब्द के इस्तेमाल पर था। उनकी बात सही है। कोई बड़ा अख़बार, कोई बड़ा मीडिया संस्थान लाख नंगई करे हमें शालीन बने रहना चाहिए। आगे से हम कोशिश करेंगे कि बहुत गुस्सा आने पर भी अपनी भाषा संतुलित रखें। बहरहाल, दैनिक भास्कर की ग़लती पर आई टिप्पणियों में से चंद पर आप भी नज़र डालें। .... read more

Monday, October 5, 2009

दैनिक भास्कर ने महिलाओं को दी गाली

दैनिक भास्कर की एक ख़बर उल्लेखनीय है। इस ख़बर से पता चलता है कि जहां कहीं भी न्यूज़रूम में सही अनुपात में महिलाएं नहीं होती हैं वहां आधी आबादी से जुड़ी ख़बरों को किस घटिये नज़रिए से प्रस्तुत किया जा सकता है। इस ख़बर से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दैनिक भास्कर के न्यूज़रूम में भी महिलाएं नाम मात्र की होंगी और शायद ऊंचे पदों पर तो नहीं के बराबर। आगे बढ़ने से पहले आप उस ख़बर पर एक नज़र डालें जिसकी चर्चा हो रही है। -

मिनीस्कर्ट में चीन के “नए हथियार” वेंकटेशन वेंबू, हांगकांग
एक अक्टूबर को अपने राष्ट्रीय दिवस परेड में चीन ने अपनी मारक क्षमता और युद्धक हथियारों का जमकर प्रदर्शन किया था। इसमें परमाणु क्षमता से लैस अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलें भी शामिल थीं। ये मिसाइलें यूरोप और अमेरिका तक मार कर सकती हैं। हालांकि इस पर अधिक चर्चा नहीं हो रही है। वहां चर्चा “व्यापक नरसंहार वाले” दूसरे हथियारों की अधिक है, जो परेड में दिखे .... ((read more))

Thursday, October 1, 2009

गूगल के "G" बन गए गांधी

आज दो अक्टूबर है और आधी रात से गूगल पर महात्मा गांधी नज़र आने लगे हैं। गूगल ने उन्हें अपना "जी" (google - का पहला g) बना दिया है। टेलीविजन चैनलों पर भी आज महात्मा गांधी को सजाया और बेचा जाएगा। कहीं गांधी पर फिल्में दिखाई जाएंगी। तो न्यूज़ चैनलों उनके जीवन पर विशेष बनाएंगे। अख़बारों में तो एक दिन पहले से ही उन्हें याद किया जाने लगा है। एक दिन के लिए बुजुर्ग गांधीवादियों की डिमांड बढ़ गई है। मेरे पास भी एक दो फोन आ चुके हैं कि कोई गांधीवादी जान-पहचान का हो तो बताना। उन्हें स्टूडियो बुलाना है। भोर होने के साथ ही देखिएगा नेता लोग राजघाट जाकर उनकी समाधि पर फूल चढ़ा आएंगे। इस रस्मअदायगी में ... ((read more))