Thursday, December 10, 2009

अंबानी बंधुओं की लड़ाई में नई दुनिया के हिस्से मलाई!


नई दुनिया ने एक बार फिर अनिल अंबानी की कंपनियों के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। 11 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक एडीएजी (अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप) की धांधली से पर्दा उठाने के बाद नई दुनिया ने अब फिर से अपनी स्टोरी को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। छह दिसंबर से अमूमन हर रोज़ अख़बार में एडीएजी पर कार्रवाई के लिए बढ़ते दबाव की स्टोरी छापी गई है। स्टोरी में कुछ भी ऐसा नहीं है जिस पर आपत्ति जताई जा सके। यह एक सहारनीय कदम है बशर्ते मंशा सही हो। जैसा की नई दुनिया के संपादक ने एक बार कहा था कि अगर कोई "ईमानदार" पत्रकार और अख़बार कॉरपोरेट घरानों की धांधली पर कोई मुहिम चलाता है तो भी लोगों को दिक्कत होने लगती है। हम उन लोगों में शामिल नहीं होना चाहते जिन्हें दिक्कत होती है। लेकिन यहां पर कुछ बातें हैं जो साफ़ कर देनी चाहिए। पहली बात नई दुनिया की मंशा से जुड़ी ...... ((READ MORE))