Wednesday, November 25, 2009

अजमल कसाब के नाम एक हिंदुस्तानी का ख़त

आमिर अजमल कसाब,
तुम 26 नवंबर 2008 को फक्र से याद करोगे। हमारे दिलो-दिमाग में भी वो दिन हमेशा हमेशा के लिये चस्पा हो चुका है। वो वहशी तीन दिन जब तुमने और तुम्हारे नौ साथियों ने मिलकर मुंबई में खूनी खेल खेला था। लेकिन एक और दिन मेरे जहन की गहराइयों में उतर चुका है - 23 फरवरी 2009। उस दिन सारा हिंदुस्तान टकटकी लगाये अपने अपने घरों में टीवी देख रहा था। अमरीका के सबसे रंगीन शहर लॉस एंजीलीस में ऑस्कर अवार्ड दिये जा रहे थे। दुनिया भर में संगीत से जुड़े कलाकारों को उनके उम्दा काम के लिये नवाजा जा रहा था। उम्मीद से लब्रेज़ दो हिन्दुस्तानी कलाकार भी उस जलसे में शामिल थे। मैं तुम्हें उनसे मिलवाता हूं। तुम्हारी ही तरह दोनों इस्लाम धर्म को मानने वाले। एक का नाम है - अल्लाह रख्खा रहमान। और दूसरे का रेसूल पुकुट्टी

रहमान और रेसूल को उस दिन ऑस्कर मिला। क्या हिंदू, क्या मुसलमान, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध - फक्र से 120 करोड़ हिंदुस्तानियों का सीना चौड़ा हो गया। हिन्दुस्तान में टूरिस्ट की तरह आते तो देखते इन सभी धर्मों को मानने वालों का जलवा लेकिन तुम तो मियां शैतानी दिमाग के आदमी निकले...तुम तो एके 56 ..... (read more)

Wednesday, October 7, 2009

एस्सार ग्रुप को ग्लोबल ब्रांड बनाएंगे शिवनाथ ठुकराल

शिवनाथ ठुकराल को लेकर चल रहा सस्पेंस ख़त्म हो गया। एनडीटीवी से अलग होने के अब उन्होंने एस्सार ग्रुप से रिश्ता जोड़ लिया है। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया सेक्टर को अलविदा कह दिया। शिवनाथ ठुकराल ने एस्सार ग्रुप में कॉरपोरेट ब्रांडिंग और स्ट्रेटेजिक इनिसिएटिव के ग्रुप प्रेसिडेंट का पद भार संभाला है। अपने करीबी दोस्तों के भेजे गए ई-मेल में शिवनाथ ठुकराल ने इसकी पुष्टि कर दी है।

उधर एक्सचेंज फॉर मीडिया पर छपी ख़बर के मुताबिक एस्सार ग्रुप के चेयरमैन शशि रुइया ने कहा है कि "भारतीय बिजनेस, वित्तीय बाज़ार और आर्थिक मामलों में शिवनाथ के पास अच्छा अनुभव है। दुनिया के बड़े अर्थशास्त्रियों और सीईओ से उनके संपर्क हैं। एस्सार ग्रुप की ब्रांडिंग को बेहतर बनाने और कंपनी को एक ग्लोबल ब्रांड के तौर पर विकसित करने में उनके अनुभव से.... READ MORE

Tuesday, October 6, 2009

"दैनिक भास्कर पर दया कीजिए"

दैनिक भास्कर की ग़लती पर पाठकों ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीते 24 घंटों में 500 से अधिक लोग इसे पढ़ चुके हैं। पढ़ने वालों की संख्या की तुलना में प्रतिक्रियाएं कम आयी हैं लेकिन जो भी आयी हैं उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह सही है कि पोर्न पढ़ने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा होती है। यह भी सही है कि अश्लील साहित्य के पाठक भी बहुत हैं। लेकिन समाचार पत्रों को ही अश्लील बना दिया जाए और आधी आबादी को उपभोग की वस्तु यह कहीं से भी सही नहीं है। इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए। बहुत से पाठकों ने हमें फोन करके यह भी कहा कि अगर कोई गाली तो क्या आप भी उसे गाली दीजिएगा। उन्हें एतराज हमारे शीर्षक पर था। “लौंडागीरी” शब्द के इस्तेमाल पर था। उनकी बात सही है। कोई बड़ा अख़बार, कोई बड़ा मीडिया संस्थान लाख नंगई करे हमें शालीन बने रहना चाहिए। आगे से हम कोशिश करेंगे कि बहुत गुस्सा आने पर भी अपनी भाषा संतुलित रखें। बहरहाल, दैनिक भास्कर की ग़लती पर आई टिप्पणियों में से चंद पर आप भी नज़र डालें। .... read more

Monday, October 5, 2009

दैनिक भास्कर ने महिलाओं को दी गाली

दैनिक भास्कर की एक ख़बर उल्लेखनीय है। इस ख़बर से पता चलता है कि जहां कहीं भी न्यूज़रूम में सही अनुपात में महिलाएं नहीं होती हैं वहां आधी आबादी से जुड़ी ख़बरों को किस घटिये नज़रिए से प्रस्तुत किया जा सकता है। इस ख़बर से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दैनिक भास्कर के न्यूज़रूम में भी महिलाएं नाम मात्र की होंगी और शायद ऊंचे पदों पर तो नहीं के बराबर। आगे बढ़ने से पहले आप उस ख़बर पर एक नज़र डालें जिसकी चर्चा हो रही है। -

मिनीस्कर्ट में चीन के “नए हथियार” वेंकटेशन वेंबू, हांगकांग
एक अक्टूबर को अपने राष्ट्रीय दिवस परेड में चीन ने अपनी मारक क्षमता और युद्धक हथियारों का जमकर प्रदर्शन किया था। इसमें परमाणु क्षमता से लैस अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलें भी शामिल थीं। ये मिसाइलें यूरोप और अमेरिका तक मार कर सकती हैं। हालांकि इस पर अधिक चर्चा नहीं हो रही है। वहां चर्चा “व्यापक नरसंहार वाले” दूसरे हथियारों की अधिक है, जो परेड में दिखे .... ((read more))

Thursday, October 1, 2009

गूगल के "G" बन गए गांधी

आज दो अक्टूबर है और आधी रात से गूगल पर महात्मा गांधी नज़र आने लगे हैं। गूगल ने उन्हें अपना "जी" (google - का पहला g) बना दिया है। टेलीविजन चैनलों पर भी आज महात्मा गांधी को सजाया और बेचा जाएगा। कहीं गांधी पर फिल्में दिखाई जाएंगी। तो न्यूज़ चैनलों उनके जीवन पर विशेष बनाएंगे। अख़बारों में तो एक दिन पहले से ही उन्हें याद किया जाने लगा है। एक दिन के लिए बुजुर्ग गांधीवादियों की डिमांड बढ़ गई है। मेरे पास भी एक दो फोन आ चुके हैं कि कोई गांधीवादी जान-पहचान का हो तो बताना। उन्हें स्टूडियो बुलाना है। भोर होने के साथ ही देखिएगा नेता लोग राजघाट जाकर उनकी समाधि पर फूल चढ़ा आएंगे। इस रस्मअदायगी में ... ((read more))

Sunday, September 6, 2009

इंडिया टीवी की करतूत से भड़की सरकार

वाईएसआर रेड्डी से जुड़ी इंडिया टीवी की ख़बर से सरकार भड़की हुई है। इंडिया टीवी ने दो सितंबर की रात नौ बजे राजशेखर रेड्डी के ज़िंदा होने की ख़बर दी थी। आदिवासियों के हवाले से बताया था कि नल्ला मल्ला के जंगलों में रेड्डी का सुराग मिल गया है और वो ज़िंदा हैं। रेड्डी को देखने वाले आदिवासियों ने वन विभाग को यह ख़बर दे दी है। सूत्रों के मुताबिक इस ख़बर के बाद सरकार में हड़कंप मच गया। दिल्ली से लेकर आंध्र प्रदेश सभी जगह हलचल बढ़ गई। वन विभाग के अधिकारियों से जानकारी मांगी गई। सबने ऐसी किसी सूचना से इनकार कर दिया। राज्य सरकार के नुमाइंदों से बात हुई। उन्होंने भी मना कर दिया। नेताओं से... मंत्रियों से सभी से बात की गई और जब सबने इस ख़बर को अफवाह बताया तो मुख्य सचिव को कहा गया कि वो इस का खंडन करें .... ((READ MORE))

Thursday, September 3, 2009

छंटनी पसंद नहीं, कोशिश होगी सब साथ चलें- शशि शेखर

जनतंत्र से हिंदुस्तान के नव नियुक्त एडिटर-इन-चीफ की ख़ास बातचीत


अमर उजाला के समूह संपादक शशि शेखर शुक्रवार से हिंदुस्तान की ज़िम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। अमर उजाला ने उनकी अगुवाई में एक लंबा सफ़र तय किया। कई मौकों पर आदर्श भी प्रस्तुत किया है। हाल ही में चुनाव के दौरान जब बहुत से मीडिया संस्थान नेताओं के आगे-पीछे घूम रहे थे और पैकेज का खेल खेल रहे थे तो अमर उजाला ने इस राह पर चलने से इनकार कर दिया। यह एक साहसिक फ़ैसला रहा और इसके लिए अमर उजाला की तारीफ़ की जाती है। हिंदुस्तान में समूह संपादक की जिम्मेदारी संभाले से ठीक पहले शशि शेखर ने जनतंत्र से तमाम मुद्दों पर खुल कर बात की। अमर उजाला में मिले अनुभव साझा किये। अपनी ज़िंदगी और अपने डर पर बात की। इन सबके बीच जो सबसे अहम बात निकल कर आई वो यह कि हिंदुस्तान से कोई निकाला नहीं जाएगा। शशि शेखर हिंदुस्तान अकेले जा रहे हैं और फिलहाल कोई नई टीम ले जाने का इरादा नहीं है। आप उनका इंटरव्यू पढ़िए और अपनी प्रतिक्रिया दीजिए। ... ((READ MORE))