देश के महान गेंदबाज अनिल कुंबले और सियासत के माहिर खिलाड़ी लाल कृष्ण आडवाणी का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं, लेकिन अपने-अपने क्षेत्र में ये दोनों लीडरशिप को लेकर दिलचस्प केस स्टडी बन सकते हैं।
भारत जब टेस्ट क्रिकेट में दुनिया की नम्बर वन टीम बना, तो पूर्व कप्तान कुंबले ने अपने कॉलम एक अहम बात कही..."20 महीने पहले गैरी कर्स्टन के कोच बनने के बाद पूरी टीम ने नम्बर वन बनने का सपना देखा था। मैं कप्तान के तौर पर इस हसरत का हिस्सा रहा। लेकिन नंबर वन बनने में हर किसी का योगदान रहा। इसकी एक बड़ी वजह रही कि हर किसी के मन में ये साफ था कि हमें पहुंचना कहां है। ये पहले से ही तय था कि मेरा उत्तराधिकारी कौन होगा जिससे कि ये मिशन इसी मजबूती के साथ आगे बढ़ सके” अनिल कुंबले टेस्ट कप्तानी में अपने उत्तराधिकारी महेंद्र सिंह धोनी की ओर इशारा कर रहे थे...अगर कुंबले-धोनी दौर इस बात की मिसाल है कि कैसे अगली पीढ़ी को बेटन थमाया जाना चाहिए तो अटल-आडवाणी दौर इस बात की गवाह रही कि उत्तराधिकार तय करने में लापरवाही और दिशाहीनता कैसे एक पार्टी, एक विचारधारा और एक सोच को हाशिए पर ले जाती है।... ((Read More))