आंध्र प्रदेश में पोल सिर्फ नारायण दत्त तिवारी की ही नहीं खुली बल्कि मीडिया ने भी अपना बहुत कुछ गंवा दिया है। इस मामले में कुछ मीडिया संस्थानों ने जिस तरह की रिपोर्टिंग की है उससे एक बार फिर साफ हुआ है कि अगर किसी के पास ताक़त है और जातिगत औरा है तो बड़े से बड़े अपराध और घिनौने मामले में भी उसके पक्ष में माहौल तैयार किया जा सकता है। यही नहीं ऐसा माहौल भी बनाया जा सकता है कि जिससे उस ताक़तवर शख़्स के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले शख़्स या संस्था को उस दुस्साहस की क़ीमत चुकानी पड़े।
बीते कुछ दिनों से आंध्र प्रदेश के स्थानीय चैनल एबीएन न्यूज़ के ख़िलाफ़ एक धड़ा माहौल बनाने में जुटा है। एबीएन न्यूज़ ने ही स्टिंग को प्रसारित करके तिवारी की पोल खोली थी। लोगों को बताया था कि किस तरह राजभवन में रासलीला चल रही है। यह स्टिंग सही है या ग़लत इसका फ़ैसला अदालत में होगा। लेकिन उस फैसले से पहले ही ज़ी नेटवर्क के निदेशक और इंडियन ब्रॉडकास्टर फेडरेशन के अध्यक्ष जवाहर गोयल ने ... ((read more))