"सिलिकॉन वैली अमेरिका में नहीं होता, अगर दक्षिण भारत में आरक्षण नहीं लगा होता. दक्षिण के आरक्षण के कारण जितने भी ब्राह्मण लोग थे, ऊंची जातियों के, वो अमरीका गये और आज सिलिकॉन वेली की हर आईटी कंपनी का या तो प्रेसिडेंट इंडियन है या चेयरमेन इंडियन है या वाइस चेयरमेन इंडियन है या सेक्रेटरी इंडियन है. क्यों ? क्योंकि ब्राह्मण अपनी ट्रेनिंग से अवव्यक्त चीजों को हैंडल करना बेहतर जानता है. क्योंकि वह ब्रह्म से संवाद कर रहा है. तो जो वायवीय चीजें होती हैं, जो स्थूल, सामने शारीरिक रूप में नहीं खड़ी है, जो अमूर्तन में काम करते हैं, जो आकाश में काम करते हैं. यानी चीजों को इमेजीन करके काम करते हैं. सामने जो उपस्थित है, वो नहीं करते. ब्राह्मणों की बचपन से ट्रेनिंग वही है, इसलिए वो अव्यक्त चीजों को, अभौतिक चीजों को, अयथार्थ चीजों को यथार्थ करने की कूव्वत रखते है, कौशल रखते हैं. इसलिए आईटी वहां इतना सफल हुआ. आईटी में वो इतने सफल हुए."
ये कौन बोल रहा है और इस समय ऐसा क्यों बोल रहा है। राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले ये कौन है जो अपने ब्राह्मण रूप का सार्वजनिक प्रदर्शन कर रहा है। इस खास समय में एक साथ हिंदूत्ववादियों-आरएसएस और कम्युनिस्टों को आजादी की लड़ाई का गद्दार कहते हुए वो क्या हासिल करना चाहता है। .... (READ MORE)