प्रभाष जोशी बड़े पत्रकार हैं। बहुत बड़े पत्रकार। इसलिए इतनी उम्मीद की जाती है कि उनके विचार चाहे जो भी हों, लेकिन उन्हें स्थापित करने के लिए वो सही तथ्य लेकर आएंगे। लेकिन रविवार डॉट कॉम में दिए इंटरव्यू में अपनी बातों को साबित करने के लिए वो बेहद बेतुकी बातें कर गए हैं। एक दो नहीं बल्कि कई ग़लत तथ्यों को प्रस्तुत किया। लगता है कि सुनी सुनाई बातों को वो सच मान बैठे हैं। फैक्ट्स के मामले में ऐसी असावधानी अक्षम्य है क्योंकि आप प्रभाष जोशी हैं, शलाका पुरुष। ... (READ MORE)