Thursday, June 11, 2009

तो इसे कहते हैं साहसिक पत्रकारिता!

आप इंडियन एक्सप्रेस को यदि गौर से देखें तो वहां पर आपको लाल रंग से लिखा मिलेगा - जर्नलिज्म ऑफ करेज यानी साहस की पत्रकारिता। अगर आप उसके संपादकों से इस पर बात करें तो वो इस पर एक लंबा लेक्चर भी दे सकते हैं। वो बता सकते हैं कि साहसिक पत्रकारिता कैसे की जाती है? वो आपको एक्सप्रेस की परंपरा के बारे में भी ज्ञान देंगे। मगर आज उनके इस अख़बार ने एक बड़ी चूक कर दी है। ऐसी चूक जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आज इंडियन एक्सप्रेस के फ्रंट पेज पर आपको कसाब की पहचान करने वाली 10 साल की मासूम और पिता की बड़ी तस्वीर दिखाई देगी। अजमल कसाब 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले का आरोपी है।
इसी साल मार्च में ये ख़बर उड़ी कि कसाब केस की सुनवाई की वीडियो क्लिप लीक कर दी गई है। जिसके बाद सरकार ने न्यूज़ चैनलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की। ((READ MORE))