पाकिस्तान में पिछले साल मई से लेकर अब तक 15 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है। इस्लामाबाद में मौजूद इंटरमीडिया नाम की संस्था ने ये आंकड़े जारी किये हैं। “स्टेट ऑफ मीडिया इन पाकिस्तान” यानी “पाकिस्तान में मीडिया की हालत” नाम से जारी रिपोर्ट में मीडिया और पत्रकारों पर हुए हमलों का ब्योरा है।
रिपोर्ट के मुताबिक ड्यूटी पर मारे गए इन 15 पत्रकारों में 5 की मौत आत्मघाती हमलों में हुई है। मारे गए पत्रकारों में 6 पंजाब, 5 उत्तरी पश्चिमी फ्रंटियर प्रॉविंस, 2 सिंध और 1-1 बलूचिस्तान और फाटा इलाके के थे।
इनके अलावा एक पत्रकार ने तनख्वाह नहीं मिलने के कारण आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में अलग-अलग इलाकों में हुए हमलों में करीब 61 पत्रकार घायल हुए हैं। इनके अलावा डराने-धमकाने के 104 मामले भी दर्ज हुए हैं। कुल मिला कर, साल भर में किसी पत्रकार या फिर किसी मीडिया संस्थान पर हुई ज्यादती के 248 मामले दर्ज किये गए हैं। पत्रकारिता के लिहाज से पाकिस्तान का पंजाब सबसे अधिक ख़तरनाक है और दूसरे नंबर पर है इस्लामाबाद। इन दोनों जगहों पर पत्रकारों पर सबसे अधिक जुल्म हुआ है।
दो दिन बाद यानी 3 मई को इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम डे है। वो दिन दुनिया भर में प्रेस की आज़ादी के लिए मनाया जाएगा। उससे ठीक पहले जारी हुई ये रिपोर्ट बताती है कि आज पत्रकार कितने मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।