((प्रभाकरण की मौत के साथ एक अध्याय का अंत हो गया। किसी ने खूब कहा है कि मुश्किल से मुश्किल घड़ी में भी हर शख़्स के सामने दो रास्ते होते हैं। उनमें से एक सही होता है और दूसरा ग़लत। लेकिन सही और ग़लत का फ़ैसला हर शख़्स अपने हिसाब से करता है। वेलुपिल्लई प्रभाकरण ने भी अपने हिसाब से रास्ता चुना और सही और ग़लत का फ़ैसला किया। जो भी उसके फ़ैसले के ख़िलाफ़ खड़ा हुआ उसे मार दिया गया। हिंसा की राह पर चलते हुए प्रभाकरण आज खुद मारा गया है। श्रीलंकाई मीडिया, तमिल मीडिया और पश्चिमी देशों का मीडिया उसकी मौत को अपने-अपने चश्मे से देख रहा है। उनमें से कुछ पर आप भी एक नज़र डालिये।))
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(रिपोर्ट)“जाबांज सुरक्षाबलों ने एलटीटीई के कब्जे से भूमि के आखिरी इंच को भी आज़ाद करा लिया है। इसके साथ ही एलटीटीई के सभी शीर्ष नेताओं का ख़ात्मा हो गया है। …. प्रभाकरण के बड़े बेटे चार्ल्स एंथनी, खुफिया शाखा के नेता पोट्टू अम्मान, सैन्य सिपहसालार जेयम और लक्ष्मण, राजनीतिक साखा के मुखिया नाडेसन, ब्लैक टाइगर लीडर रतनाम मास्टर और एलटीटीई पुलिस चीफ इलांगो के शवों की पहचान हो गई है”।
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