ब्रिटेन में एक नई बहस छिड़ी हुई है। ये बहस शुरू हुई है कंज़रवेटिव पार्टी के नये प्रस्ताव पर। ब्रिटेन की प्रमुख विपक्षी पार्टी का कहना है कि जनता के पैसे से चलने वाली मीडिया संस्थाओं के उन अफसरों के नाम सार्वजनिक होने चाहिए, जो मंदी के इस दौर में भी 1,50,000 पाउंड से ज्यादा सालाना तनख्वाह पा रहे हैं। मीडिया संस्थाओं की इस लिस्ट में बीबीसी और चैनल 4 का नाम भी शामिल है। कंज़रवेटिव पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि “देखते हैं कि कौन-कौन से अधिकारी टैक्स भरने वाली जनता की कीमत पर अमीर हो रहे हैं, ये भी कि वो इस काबिल हैं भी या नहीं”। ऐसा सिर्फ ब्रिटेन में ही क्यों, भारत में भी होना चाहिए और सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को ही नहीं बल्कि स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों को भी इस बहस में शामिल किया जाना चाहिए। सभी मीडिया संस्थानों को इस बहस के दायरे में लाना चाहिए। इन मीडिया संस्थानों को मिलने वाले विज्ञापनों का एक बड़ा हिस्सा सरकारी होता है।
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