Sunday, May 31, 2009

खंड खंड ख़बरों का पाखंड

एनडीटीवी क्या है? कुछ दिन पहले तक लोग इस सवाल का जवाब देते थे – देश का सबसे सम्मानित मीडिया समूह। ऐसा समूह जिसे ख़बर देने का सलीका आता है। जिसका भूत-प्रेत, झाड़-फूंक, ज्योतिष, सेक्स, अजब-गजब और साह-बहू और साज़िश में ज़रा भी यकीन नहीं। इसके अलावा एनडीटीवी को सबसे अधिक मानवीय संस्थान भी कहा जाता था। ये सभी बातें इसे एक शानदार ब्रांड के तौर पर स्थापित करती थीं। समूह के मालिकान भी ये कहते नहीं थकते थे कि वो इसे भारत का बीबीसी बनाना चाहते हैं और उसके लिए हर क़ीमत चुकाने को तैयार हैं। वो ताल ठोक कर ये दावा भी करते थे कि उन्हें टीआरपी से कोई लेना देना नहीं।

लेकिन एक मंदी आई और सारे दावे एक झटके में हवा हो गए।...... (READ MORE) .........